Thursday, October 6, 2022

शाश्वत काव्यगोष्ठी का आयोजन

रविवार 2 अक्टूबर को गांधी और शास्त्री जी की जयन्ती पर शाश्वत काव्यगोष्ठी का आयोजन


 

Wednesday, April 20, 2022

ग़ज़ल-संग्रह 'जब भी सोचूँ अच्छा सोचूँ' एवं दोहा-संग्रह 'डाल-डाल टेसू खिले' का विमोचन

रामनवमी के पावन अवसर पर दिनांक 10-04-22 को राजकीय जिला पुस्तकालय, वाराणसी में हम दंपत्ति श्रीमती कंचनलता चतुर्वेदी कृत दोहा-संग्रह 'डाल-डाल टेसू खिले' और प्रसन्न वदन चतुर्वेदी 'अनघ' कृत ग़ज़ल-संग्रह 'जब भी सोचूँ अच्छा सोचूँ' का विमोचन सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में अध्यक्ष श्री हीरालाल मिश्र 'मधुकर', मुख्य अतिथि- डा० चन्द्रभाल 'सुकुमार', मुख्य वक्ता डा० इन्दीवर पाण्डेय, विशिष्ट अतिथि- डा० रामसुधार सिंह, श्री उमाशंकर चतुर्वेदी 'कंचन', श्री दीनानाथ द्विवेदी 'रंग' जी के साथ-साथ प्रकाशक छतिश द्विवेदी, श्री केशव शरण, श्रीमती मंजरी पाण्डेय, श्रीमती छाया शुक्ला, श्री सूर्यप्रकाश मिश्र, श्री योगेन्द्रनारायण चतुर्वेदी 'वियोगी', श्री महेन्द्रनाथ तिवारी 'अलंकार', श्री संतोष 'प्रीत', श्री धर्मेन्द्र गुप्त 'साहिल', श्री सीमांत प्रियदर्शी, श्री गौतम अरोड़ा 'सरस', श्री विन्ध्याचल पाण्डेय 'सगुन', श्री शरद श्रीवास्तव, श्रीमती नसीमा निशा, श्रीमती झरना मुखर्जी, श्री आलोक सिंह, श्री एखलाख भारतीय, श्री सिद्धनाथ शर्मा, श्री टीकाराम शर्मा, श्री लियाकत अली, श्री कमला प्रसाद 'जख्मी',श्री विकास पाण्डेय, श्री नवलकिशोर गुप्त, श्रीमती श्रुति गुप्त, श्री परमहंस तिवारी, श्री सुनील सेठ, श्री ओमप्रकाश चंचल, श्री सुनील श्रीवास्तव, श्री सिद्धार्थ सिंह, सुश्री प्रियंका तिवारी एवं नगर के अनेक रचनाकार एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन राजकीय पुस्तकालय, वाराणसी के पुस्तकालयाध्यक्ष श्री कंचन सिंह परिहार ने किया। कार्यक्रम के प्रारम्भ में कु० शाम्भवी चतुर्वेदी ने संगीतमय सरस्वती वन्दना एवं भजन प्रस्तुत किया तथा प्रसन्न वदन चतुर्वेदी द्वारा अपनी गजलों की संगीतमय प्रस्तुति की गई। डा० शरद श्रीवास्तव ने प्रारम्भ में अतिथियों का स्वागत किया और चतुर्वेदी दम्पत्ति हेतु एक गीत प्रस्तुत कर उन्हें स्मृति चिन्ह प्रदान किया। अंत में संतोष कुमार प्रीत ने कार्यक्रम में सबकी उपस्थिति के लिए आभार व्यक्त किया। कुछ छायाचित्र...💐💐💐💐💐